Saturday 20 October 2012

खुशी की पेन्सिल - राकेश रोहित

एक बार एक बच्चे ने मुझसे 
बड़ा मासूम सवाल किया - 
"जिस पेन्सिल से हम 
खुशी लिख सकते है 
उससे हम 
दुःख क्यों लिखते हैं?"

खुशी की पेन्सिल / राकेश रोहित 

2 comments:

  1. वाह...
    एक सवाल जिसने आगे हम सब निरुत्तर हैं..

    अनु

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  2. उत्तम।
    read my blog and give a comment.
    http://yuvaam.blogspot.com/p/1908-1935.html?m=1

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