Monday 22 October 2012

कविता है इसलिए - राकेश रोहित

कविता है 
इसलिए बचे हुए हैं 
कुछ लोग 
वरना वे नहीं होते, 
नहीं होते, 
नहीं होते!

कविता है इसलिए / राकेश रोहित 

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