Monday 21 October 2013

प्यार का अनुवाद - राकेश रोहित

जब नष्ट हो रहा हो सब कुछ
और दिन आखिरी हो सृष्टि का
मेरे प्रिय, तुम मुझे प्यार करती रहना!
...क्योंकि यह प्यार ही है
जिसका कविता हर भाषा में अनुवाद
उम्मीद की तरह करती है.


प्यार का अनुवाद / राकेश रोहित 

Monday 14 October 2013

एक दिन जब होगी उम्मीद - राकेश रोहित

एक दिन मेरे पास
इतनी उम्मीद होगी
कि मैं अपने कहे शब्दों से
प्यार करने लगूँगा!
उस दिन असत्य के सामने
इतनी रोशनी होगी
कि साफ झलकेगा उसका नकलीपन,
उस दिन विश्वास से चमकेंगी
उत्सवधर्मी शुभकामनाएँ!!

एक दिन जब होगी उम्मीद / राकेश रोहित 

Friday 4 October 2013

उम्मीद और रोटियाँ - राकेश रोहित

उम्मीद और रोटियाँ
दो ही चीज बचायेंगी धरती को!
...और संशय की हर स्थिति में
संसार की सारी कविताएँ 
इस सत्य के समर्थन में खड़ी होंगी.

जो धरती को बचायेंगे / राकेश रोहित 

Saturday 17 August 2013

कठपुतली और कहानी - राकेश रोहित

क्या आपने कभी कठपुतली का नाच देखा है?
चमक- दमक और रंगों से सजे
मंच पर नाचते हैं वे,
पर उनके अंदर कोई कहानी नहीं पलती।

वे, जिनके अंदर कोई कहानी नहीं पलती
कठपुतली बन जाते हैं!

कठपुतली और कहानी / राकेश रोहित 

Monday 15 July 2013

फूलों को भी जब प्यार आता है - राकेश रोहित

फूलों को भी जब तुमपे प्यार आता है
वे मुस्कराते हैं।

फूलों को भी जब प्यार आता है  /  राकेश रोहित 

Friday 21 June 2013

फूल और थोड़ी जमीन - राकेश रोहित

मुझे फूल दो 
और थोड़ी जमीन
मैं फूलों को उनकी जड़ों के साथ चाहता हूँ.

फूल और थोड़ी जमीन / राकेश रोहित 

Saturday 15 June 2013

चाँदनी रात में - राकेश रोहित

चाँदनी रात में वह बाहर निकल आयी
और चाँद को शरमाना तब आया.

चाँदनी रात में / राकेश रोहित 

Tuesday 2 April 2013

फिर प्रेम मुझे छूता है - राकेश रोहित

उसने कहा-
"पहले मैं प्रेम करती हूँ 
फिर प्रेम मुझे छूता है."

फिर प्रेम मुझे छूता है / राकेश रोहित 

Friday 1 March 2013

तेरे होठों पर दो शब्द - राकेश रोहित

दुनिया के सारे फूलों में एक दिन 
एक साथ रंग आयेगा, 
एक दिन मुस्करायेंगे 
तेरे होठों पर मेरे नाम के दो शब्द!

एक साथ रंग / राकेश रोहित 

अँधेरे में मोमबत्ती - राकेश रोहित

तेरी याद भी जब छोड़ देती है साथ 
तब सिर्फ कविता खड़ी होती है मेरे पास 
जैसे अँधेरे में मोमबत्ती 
सिर्फ मोम की तरह जलता हूँ मैं!

तेरी याद / राकेश रोहित 

Tuesday 19 February 2013

तुम्हारी इक मुस्कान - राकेश रोहित

हजार शब्दों में
कही गयी बात पर 
भारी पड़ती है तुम्हारी इक मुस्कान!

तुम्हारी इक मुस्कान / राकेश रोहित 

Saturday 16 February 2013

प्यार की खातिर - राकेश रोहित

हर दिन सूरज  तनहा जलता है, 
हर रात अकेली सोती है. 
दो फूल जहां में खिलते हैं,
जब बात प्यार की होती है.

दो फूल जहां में / राकेश रोहित 

Saturday 2 February 2013

जड़ की ओर - राकेश रोहित

लौटना चाहता हूँ वहाँ 
जहाँ से चला नहीं हूँ, 
जैसे फुनगी पर खिलती है पत्ती 
और जड़ की ओर लौटना चाहती है.

जड़ की ओर / राकेश रोहित 

Friday 18 January 2013

खेल-खेल में - राकेश रोहित

खेल-खेल में बच्चे ने 
आकाश सर पे उठा लिया, 
बार-बार टकरा जाती थी 
आकाश से उसकी गेंद!

आकाश में गेंद / राकेश रोहित 

Saturday 5 January 2013

संशय से परे - राकेश रोहित

करता हूँ तारीफ तुम्हारी 
...और कुछ नहीं है 
जो कर सकूँ 
बिना किसी संशय के!

संशय से परे / राकेश रोहित