Saturday 16 February 2013

प्यार की खातिर - राकेश रोहित

हर दिन सूरज  तनहा जलता है, 
हर रात अकेली सोती है. 
दो फूल जहां में खिलते हैं,
जब बात प्यार की होती है.

दो फूल जहां में / राकेश रोहित 

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