Monday 21 October 2013

प्यार का अनुवाद - राकेश रोहित

जब नष्ट हो रहा हो सब कुछ
और दिन आखिरी हो सृष्टि का
मेरे प्रिय, तुम मुझे प्यार करती रहना!
...क्योंकि यह प्यार ही है
जिसका कविता हर भाषा में अनुवाद
उम्मीद की तरह करती है.


प्यार का अनुवाद / राकेश रोहित 

Monday 14 October 2013

एक दिन जब होगी उम्मीद - राकेश रोहित

एक दिन मेरे पास
इतनी उम्मीद होगी
कि मैं अपने कहे शब्दों से
प्यार करने लगूँगा!
उस दिन असत्य के सामने
इतनी रोशनी होगी
कि साफ झलकेगा उसका नकलीपन,
उस दिन विश्वास से चमकेंगी
उत्सवधर्मी शुभकामनाएँ!!

एक दिन जब होगी उम्मीद / राकेश रोहित 

Friday 4 October 2013

उम्मीद और रोटियाँ - राकेश रोहित

उम्मीद और रोटियाँ
दो ही चीज बचायेंगी धरती को!
...और संशय की हर स्थिति में
संसार की सारी कविताएँ 
इस सत्य के समर्थन में खड़ी होंगी.

जो धरती को बचायेंगे / राकेश रोहित