दो ही शब्द हैं दुनिया में! एक जो तुम कहती हो, एक जो मैं लिखता हूँ!!
स्पर्श में ही बचा रहता है सृष्टि का आदिम स्वाद ऐसे छूता हूँ तुमको जैसे छूती है हवा नदी को।
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