Saturday 20 February 2016

प्रेम - राकेश रोहित

वह क्या है जो कह दिया जायेगा
फिर भी कहने से रह जायेगा
जैसे प्रेम
जिसे मैं छूता हूँ
यद्यपि वह स्पर्श से परे है!